Athadu Movie Trivia and Interesting Facts in
Hindi - Cheetah The Power of One : आज की पोस्ट में हम साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू की फिल्म ‘अथाडू’ से जुड़ी 15 ऐसी
अनसुनी और रोचक बातों के बारे में चर्चा करेंगे जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते
होंगे.
Athadu Movie Star
Cast
Mahesh Babu as Nanda Gopal (Nandu)
Trisha Krishnan as Poori
Sonu Sood as Malli
Prakash Raj as CBI Officer Anjaneya Prasad
Brahmanandam as Krishna Murthy, Poori's uncle
Rahul Dev as Sadhu
Written & Directed by Trivikram
Srinivas
Produced by D. Kishore
& M. Ram Mohan
Music
by Mani
Sharma
Athadu Movie Unknown Facts In Hindi, Budget, Box Office, Interesting Trivia
Review, Revisit, Cast & Verdict, 2005 Telugu Film
1. ‘अथाडू’ तेलुगू भाषा में बनी एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म थी जो 10 अगस्त 2005 में रिलीज़ हुई थी. फिल्म में महेश बाबू, तृषा कृष्णन, सोनू सूद, राहुल
देव, प्रकाश राज और ब्रह्मानंदम जैसे कई बड़े एक्टर्स नजर आये थे.
2. फिल्म की कहानी और डायरेक्शन का काम साउथ फिल्मों के जाने माने डायरेक्टर त्रिविक्रम श्रीनिवास ने किया था जो अपने करियर में कई बड़ी फिल्मों का डायरेक्शन कर चुके हैं. ‘अथाडू’ महेश बाबू और त्रिविक्रम निवास की जोड़ी में बनी पहली फिल्म थी.
इसके अलावा
त्रिविक्रम ने महेश बाबू के साथ कलेजा, अल्लू अर्जुन के साथ जुलई और सन ऑफ
सत्यमूर्ति और पवन कल्याण के साथ डेरिंग बाज़ जैसी कई बड़ी फिल्मों का भी डायरेक्शन
किया है. इसके अलावा ‘अथाडू’ फिल्म के प्रोडक्शन की बात करें तो इस फिल्म को प्रोडक्शन
कंपनी जयाभेरी आर्ट्स ने प्रोड्यूस किया था.
3. इस फिल्म का म्यूजिक मणि शर्मा ने कंपोज़ किया था. इस फिल्म में 6 गाने थे और
सभी गाने उस साल काफी पसंद किये गए थे.
4. इस फिल्म की स्टोरीलाइन की बात करें तो नंदू (महेश बाबू) एक अनाथ है जो एक ढाबे पर काम करता है. इसी दौरान वो एक गैंगस्टर को मार देता है जिसकी वजह से दूसरा गैंगस्टर साधू यानी राहुल देव उसे अपने साथ रख लेता है.
नंदू बड़ा होकर एक फेमस हिटमैन किलर बन जाता है. इस दौरान वो अपने पार्टनर मल्ली यानि सोनू सूद के साथ मिलकर कई ऑपरेशन करता है. इसी बीच पॉलिटिशियन बाजी रेड्डी नंदू को एक असाइनमेंट देता है जिसमे वो अपने अपोजीशन लीडर शिवा रेड्डी को गोली मारने के लिए कहता है.
लेकिन प्लानिंग के मुताबिक शिवा रेड्डी की मौत नहीं होनी चाहिए थी जबकि असल में उसे नंदू के अलावा कोई और ही शूट करता है, जिसके बाद शिवा रेड्डी की मौत हो जाती है. नंदू खुद को बचाने के लिए ट्रेन में चढ़ जाता है जहां उसे एक पर्धू नाम का आदमी मिलता है जो 12 साल बाद अपने घर जा रहा होता है.
इसी बीच पुलिस की फायरिंग में उस सख्स की मौत हो जाती है. इसके बाद नंदू वहां से बच निकलता है और फैसला करता है कि वो पर्धू की फैमिली से जाकर मिलेगा और उन्हें सच बतायेगा. लेकिन पर्धू की फैमिली नंदू को ही पर्धू समझती है.
इसके बाद फिल्म में यही दिखाया गया है कि कैसे नंदू इन सभी प्रोब्लम्स से छुटकारा पाता है और असली कातिल को सजा देता है. ये स्टोरी सुनने के बाद आपको साल 2002 में रिलीज़ हुई सलमान खान की फिल्म ‘तुमको ना भूल पाएंगे’ जरूर याद आ गई होगी. महेश बाबू की फिल्म ‘अथाडू’ का कांसेप्ट सलमान की फिल्म ‘तुमको ना भूल पाएंगे’ से काफी मिलता जुलता है.
नंदू खुद को बचाने के लिए ट्रेन
में चढ़ जाता है जहां उसे एक पर्धू नाम का आदमी मिलता है जो 12 साल बाद अपने घर जा
रहा होता है. इसी बीच पुलिस की फायरिंग में उस सख्स की मौत हो जाती है.
इसके बाद
नंदू वहां से बच निकलता है और फैसला करता है कि वो पर्धू की फैमिली से जाकर मिलेगा
और उन्हें सच बतायेगा. लेकिन पर्धू की फैमिली नंदू को ही पर्धू समझती है.
इसके बाद
फिल्म में यही दिखाया गया है कि कैसे नंदू इन सभी प्रोब्लम्स से छुटकारा पाता है
और असली कातिलों को सजा देता है.
ये स्टोरी सुनने के बाद आपको साल 2002 में रिलीज़ हुई सलमान खान की फिल्म ‘तुमको ना भूल पाएंगे’
जरूर याद आ गई होगी. महेश बाबू की फिल्म ‘अथाडू’ का कांसेप्ट सलमान की फिल्म
‘तुमको ना भूल पाएंगे’ से काफी मिलता जुलता है. लेकिन फिल्म का क्लाइमेक्स और बाकि
स्टोरी काफी अलग है.
5. बता दें, ‘अथाडू’ से पहले महेश बाबू की कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थीं. इन फिल्मों में अर्जुन, नानी और निजाम भी शामिल हैं.
लेकिन ‘अथाडू’ में महेश बाबू की परफॉरमेंस ऑडियंस को इतनी
पसंद आई कि इस फिल्म के बाद इनकी फैन फॉलोइंग बढ़ती ही चली गई. इस फिल्म को
क्रिटिक्स की तरफ से काफी अच्छे रिव्यू मिले थे.
यहां तक कि पॉपुलर वेबसाइट IMDB
ने भी इस फिल्म को 10 में से 8.2 की जबरदस्त रेटिंग दी हुई है.
इसके अलावा ये फिल्म ऑडियंस को भी काफी पसंद आई थी.
हालांकि इस फिल्म के साथ
सिद्धार्थ और तृषा कृष्णन की फिल्म ‘नुव्वोस्टानटे नेनोद्दन्ताना’ और जूनियर एनटीआर की फिल्म ‘ना अल्लूडू’ भी
रिलीज़ हुई थी.
इसके बावजूद महेश बाबू की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई. फिल्म के बजट और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आंकड़े इस प्रकार हैं:
Athadu Movie Budget : 12 करोड़
रूपये
Athadu Movie Office Collection (India) : 18 करोड़ रूपये
Athadu Movie Box Office Collection (Worldwide) : 25 करोड़ रूपये
6. बॉक्स ऑफिस पर हिट होने के साथ-साथ ये
फिल्म कई अवॉर्ड जीतने में भी कामयाब रही. फिल्म को उस साल अलग-अलग केटेगरी में 10
नॉमिनेशन मिले थे जिनमे से इस फिल्म ने 5 अवॉर्ड अपने नाम किये थे.
इनमे से ‘नंदी
अवॉर्ड्स’ की तरफ से महेश बाबू को उनकी बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए बेस्ट एक्टर का
अवॉर्ड भी मिला था. हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी ब्लॉकबस्टर नहीं हो पाई
लेकिन करीब एक साल बाद इस फिल्म का नाम साउथ की बेहतरीन फिल्मों में जोड़ा गया था
और इसे कल्ट फिल्म का स्टेटस भी दिया गया.
7. इंडिया में इस फिल्म को उम्मीदों
के मुताबिक सक्सेस नहीं मिल पाई लेकिन विदेशों में इस फिल्म को काफी अच्छा
रिस्पोंस मिला था. 19 अगस्त 2005 में इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग यूएस के कनेक्टिकट
स्टेट के एक थियेटर में रखी गई थी.
शुरुआत में इस फिल्म का एक ही शो चलाने की
प्लानिंग की गई थी. पहले ही शो में थियेटर पूरी तरह हाउसफुल हो गया था. इतना ही
नहीं बताया जाता है कि पहले शो के दौरान करीब 450 लोग इकठ्ठा हो गए थे जिसकी वजह
से काफी लोगों ने ये फिल्म खड़े होकर देखी थी. इसी वजह से थियेटर ओनर को बाकी लोगों
के लिए दूसरा शो भी चलाना पड़ा था.
8. इस फिल्म की डीवीडी
आदित्य म्यूजिक ने अपने आदित्य वीडियो ब्रांड के अंडर डिस्ट्रीब्यूट किया था जिसके
लिए उन्हें इसकी क्वालिटी के लिए बेस्ट डीवीडी अवॉर्ड भी दिया गया था. इतना ही
नहीं ‘अथाडू’ फिल्म का नाम टॉलीवुड के इतिहास की सबसे ज्यादा बिकने वाली फिल्मों
की डीवीडी में भी शामिल किया गया था.
9. बता दें, करीब 7 सालों बाद साउथ इंडिया के पॉपुलर टीवी नेटवर्क स्टार माँ ने करीब 3.5 करोड़ में ‘अथाडू’ फिल्म का टीवी कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया था जो साल 2005 में रिलीज़ हुई सभी साउथ फिल्मों से बहुत ज्यादा था और ये अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड भी है.
10. फिल्म के डायरेक्टर
त्रिविक्रम श्रीनिवास इस फिल्म को साल 2002 में ही बनना
चाहते थे. फिल्म में लीड रोल के लिए उनकी पहली पसंद पवन कल्याण थे.
इसलिए सबसे
पहले उन्होंने इस रोल के लिए पवन कल्याण से बात की थी. लेकिन उन्होंने इस फिल्म के
लिए ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाया. बल्कि एक इंटरव्यू में त्रिविक्रम ने बताया था
कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाते वक़्त पवन कल्याण सो गए थे.
इसके बाद त्रिविक्रम
महेश बाबू के पास गए. महेश बाबू को फिल्म की स्क्रिप्ट काफी पसंद आई और उन्होंने
इसके लिए हां कर दिया. लेकिन महेश बाबू उन दिनों अपनी फिल्म ‘नानी’ और ‘अर्जुन’ की
शूटिंग में बिजी थे.
इस वजह से इस फिल्म का शूटिंग शिड्यूल करीब 2 साल आगे बढ़ाना
पड़ा. बता दें, बतौर डायरेक्टर ये त्रिविक्रम श्रीनिवास का पहला प्रोजेक्ट था.
महेश
बाबू के साथ इस फिल्म की कमिटमेंट होने के बाद उन्होंने अपनी दूसरी फिल्म ‘नुव्वे
नुव्वे’ पर काम करना शुरू कर दिया. इसलिए ‘नुव्वे नुव्वे’ पहले रिलीज़ हो गई और यही
उनके करियर की डेब्यू फिल्म भी बनी.
11. फिल्म में प्रकाश राज ने एक सीबीआई ऑफिसर का रोल प्ले किया है. एक सीन में जब वो अपने एक स्टाफ से बात कर रहे होते हैं तो उन्होंने अपना सेल फ़ोन दूसरी साइड से पकड़ा होता है.
ये आप क्लियरली देख भी सकते
हैं. ये नोकिया 9500 मॉडल का फ़ोन था जिसके बारे में बताया
जाता है कि इस फ़ोन से किसी भी एंगल में बात की जा सकती है.
12. फिल्म के डायरेक्टर
त्रिविक्रम इस फिल्म में कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहते थे. इसलिए उन्होंने फिल्म के क्लाइमैक्स
सीन की शूटिंग के दौरान टाइम-फ्रीज
इफेक्ट शॉट्स शूट करने के लिए लंदन से करीब 160 मोशन कैमरे मंगवाए गए थे.
बताया
जाता है फिल्म का क्लाइमैक्स सीन कम्पलीट होने में पूरे 30 दिन का समय लग गया था.
इसके साथ ही इस फिल्म के लिए उन्होंने साउथ और बॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों में
एक्शन कोरियोग्राफर का काम करने वाले पीटर हेन को भी हायर किया था.
बता दें, पीटर
हेन बाहुबली, मगधीरा, रोबोट, गजनी,
रेस 2 और भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया जैसी बहुत सारी फिल्मों में बतौर एक्शन
कोरियोग्राफर काम कर चुके हैं.
13. फिल्म के
प्रोड्यूसर मुरली मोहन फिल्म में नास्सर वाले रोल के लिए अपने बेस्ट फ्रेंड सोभन
बाबू को लेना चाहते थे. सोभन बाबू ने साउथ में कई फिल्मों में काम किया है. लेकिन
1996 के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था और रियल स्टेट का बिज़नेस
करने लग गए थे.
इस फिल्म में काम करने के लिए मुरली मोहन ने सोभन बाबू के घर एक
ब्लैंक चेक भी भेजा था. लेकिन सोभन बाबू ने इस ऑफर को रिजेक्ट कर दिया. क्योंकि वो
फिर से फिल्मों में कमबैक नहीं करना चाहते थे.
14. जैसा की हमने बताया कि महेश बाबू की फिल्म ‘अथाडू’ को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सक्सेस नहीं मिल पाई लेकिन साउथ की कल्ट फिल्मों में जगह जरूर मिल गई.
इसी वजह से इस फिल्म को कई भाषाओँ में रीमेक और डब
भी किया जा चुका है. इस फिल्म के डबिंग वर्जन की बात करें तो तमिल लैंग्वेज में इस
फिल्म को नंदू, हिंदी भाषा में इस फिल्म को चीता: द पॉवर ऑफ वन, मलयालम लैंग्वेज
में इस फिल्म को टारगेट और इंग्लिश में इस फिल्म को द पॉवर ऑफ वन नाम से डब किया
जा चुका है.
इतना ही नहीं इस फिल्म को पोलैंड में पॉलिश लैंग्वेज में पोस्ज़ुकिवैनी
नाम से भी डब किया गया था जिसे काफी अच्छा रिस्पोंस मिला था. इसके साथ ही पोलैंड
में रिलीज़ होने वाली ये तेलुगू इंडस्ट्री की पहली फिल्म बन गई थी.
15. महेश बाबू की फिल्म ‘अथाडू’ के रीमेक के बारे में बात करें तो इस
फिल्म का रीमेक अभी तक 4 लैंग्वेज में बनाया जा चुका है. साल 2009 में बॉबी देओल को लेकर फिल्म ‘एक: द पॉवर ऑफ वन’ बनाई गई थी, जो
‘अथाडू’ की ही रीमेक थी. इसके अलावा साल 2009 में ही
बांग्लादेश में बंगाली भाषा में इस फिल्म का रीमेक ‘रस्तर चेले’ नाम से बनाया गया
था.
इसके अलावा साल 2010 में ‘वांटेड’ नाम से इस फिल्म का
रीमेक बंगाली लैंग्वेज में भी बनाया जा चुका है. इतना ही नहीं साल 2013 में पाकिस्तान में ‘द पॉवर ऑफ वन’ नाम से इस फिल्म का रीमेक उर्दू में भी
बनाया गया था.
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