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बॉलीवुड फिल्मों के दर्द भरे डायलॉग, जो आपको भी रुला देंगे, नंबर 3 है सबका फेवरेट


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1. फिल्म : देवदास (2002)
“बाबू जी ने कहा गांव छोड़ दो, सब ने कहा पारो को छोड़ दो. पारो ने कहा शराब छोड़ दो, आज तुमने कह दिया हवेली छोड़ दो. एक दिन आएगा जब वो कहेंगे दुनिया छोड़ दो.” - शाहरुख़ खान.
“कौन कमबख्त बर्दाश्त करने को पीता है, हम तो पीते हैं कि यहां पर बैठ सकें, तुम्हें देख सके, तु्म्हें बर्दाश्त कर सकें.” - शाहरुख़ खान.
2. फिल्म : जान (1996)

मौत तो मुफ्त में बनदाम है, जान तो जिन्दगी लेती है.
मौत के साथ जिन्दगी ख़त्म होती है, मोहब्बत नहीं. - अजय देवगन.
3. फिल्म : दिलवाले (1994)

हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहाँ दम था,
मेरी कश्ती वहां डूबी, जहां पानी कम था…- अजय देवगन
4. फिल्म : नसीब (1997)

“प्यार तो हम दोनों ने किया, मगर तड़पना तो सिर्फ मेरे नसीब में आया”
“भरे सावन में रेगिस्तान लगता है, ये घर मेरा खाली मकान लगता है”
“मुझको लम्बी उम्र की दुआ ना दो, जितनी घुजरी नागवार गुजरी” - गोविंदा.
5. फिल्म : राम-लीला

“इससे बड़ी सजा और क्या होगी कि जान भी निकाल ली और जिंदा भी छोड़ दिया.”
“बदला और गुरूर अगर समुन्दर को बंजर रण बना सकता है, तो आशिक इस बंजर मिटटी में भी फूल खिला सकते हैं.”

6. फिल्म : 3 इडियट्स
दोस्त फेल हो जाए तो दुःख होता है लेकिन यदि दोस्त फर्स्ट हो जाये ज्यादा दुःख होता है - आर. माधवन.

7. फिल्म : मोहब्बतें
मैं आज भी उससे उतनी ही मोहब्बत करता हूँ, इसलिए नहीं कि मुझे और कोई नहीं मिली...पर इसलिए कि उससे मोहब्बत करने से फुर्सत ही नहीं मिली - शाहरुख़ खान.
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